श्री हरिदास
          तर्ज़:- जिंन्दगी की ना टुटे लड़ी

बृज़ मण्डल की हर इक गली,रात भर याद आये तेरी,          
         हर जगह पे है करूणा भरी,रात भर याद आये तेरी,                                    
बृज़ मण्डल.........

हम जब भी जहां भी गए,बड़ा सुंदर नज़ारा मिला ,                  
हर गली के हर इक मोड़ पर,तेरा ही सहारा मिला,                    
बन गई अब तो बिगड़ी मेरी,रात भर याद आये तेरी,  
बृज़ मण्डल की हर इक गली,रात भर याद आये तेरी,
बृज़ मण्डल.........  

अंग बृज़ रज लगाये हुए,अपनी किस्मत जगाये हुए,
पागल ने है किरपा करी,रात भर याद आये तेरी,
बृज़ मण्डल की हर इक गली,रात भर याद आये तेरी,
बृज़ मण्डल……..

इस बृज़ रज़ में रम जाऊं मैं,धसका पागल हुं,
धस्स जाऊं मैं मेरे जीवन की कामना यही,
रात भर याद आये तेरी,बृज़ मण्डल की हर इक गली,
 बृज़ मण्डल.........

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

कालभैरव जयंती

शुक्रवार, 22 नवम्बर 2024

कालभैरव जयंती
उत्पन्ना एकादशी

मंगलवार, 26 नवम्बर 2024

उत्पन्ना एकादशी
मासिक शिवरात्रि

शुक्रवार, 29 नवम्बर 2024

मासिक शिवरात्रि
गीता जयंती

बुधवार, 11 दिसम्बर 2024

गीता जयंती
मोक्षदा एकादशी

बुधवार, 11 दिसम्बर 2024

मोक्षदा एकादशी
दत्तात्रेय जयंती

शनिवार, 14 दिसम्बर 2024

दत्तात्रेय जयंती

संग्रह