चली आईओ री गुजरिया तू तो सारी मटके

चली आईओ री गुजरिया तू तो सारी मटके,
तू तो सारी मटके मेरा दिल धड़के,
चली आईओ री गुजरिया तू तो सारी मटके…..

बृजभान की लली दही बेचन को चली,
वाके सिर पर माट दही को छलके,
चली आईओ री गुजरिया तू तो सारी मटके…..

तेरा टीका दमके तेरी बिंदी चमके,
पड़ी श्याम की नजर वाको दिल धड़के,
चली आईओ री गुजरिया तू तो सारी मटके…..

तेरा हरवा चमके तेरी माला दमके,
पड़ी श्याम की नजर वाको दिल धड़के,
चली आईओ री गुजरिया तू तो सारी मटके…..

तेरे कंगना चमके तेरी मेहंदी दमके,
पड़ी श्याम की नजर वाको दिल धड़के,
चली आईओ री गुजरिया तू तो सारी मटके…..

तेरी तगड़ी चमके तेरा गुच्छा दमके,
पड़ी श्याम की नजर वाको दिल धड़के,
चली आईओ री गुजरिया तू तो सारी मटके…..

तेरी पायल चमके तेरी महावर दमके,
पड़ी शाम की नजर वाको दिल धड़के,
चली आईओ री गुजरिया तू तो सारी मटके…..

तेरा लहंगा चमके तेरी चुनर दमके,
पड़ी शाम की नजर वाको दिल धड़के,
चली आईओ री गुजरिया तू तो सारी मटके…..

Author: Unknown Claim credit

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