देखो ऐसो हरी सुभाव

देखो ऐसो हरी सुभाव देखो ऐसो हरी सुभाव।
बिनु गंभीर उदार उदधि प्रभु जानी शिरोमणी राव ॥ध्रु०॥
बदन प्रसन्न कमलपद सुनमुख देखत है जैसे |
बिमुख भयेकी कृपावा मुखकी फिरी चितवो तो तैसे ॥दे०॥१॥
सरसो इतनी सेवाको फल मानत मेरु समान ।
मानत सबकुच सिंधु अपराधहि बुंद आपने जान ॥दे०॥२॥
भक्तबिरह कातर करुणामय डोलत पाछे लाग ।
सूरदास ऐसे प्रभुको दये पाछे पिटी अभाग ॥दे०॥३॥

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

ज्येष्ठ पूर्णिमा

बुधवार, 11 जून 2025

ज्येष्ठ पूर्णिमा
योगिनी एकादशी

शनिवार, 21 जून 2025

योगिनी एकादशी
देवशयनी एकादशी

रविवार, 06 जुलाई 2025

देवशयनी एकादशी
गुरु पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

गुरु पूर्णिमा
आषाढ़ पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

आषाढ़ पूर्णिमा
कामिका एकादशी

सोमवार, 21 जुलाई 2025

कामिका एकादशी

संग्रह