देवकी के कोखि सँ जनमल कृष्ण कन्हैया रे
ललना रे विधि के लिखल संजोग यशोदा भेली मैया रे

जेहल मे जननी के नोर देवकी के लाल दूर गेल रे
ललना रे सोचि क केलथि संतोख नेना’के प्राण बचि गेल रे

पुलकित नन्द के दुआरि जनम लेल बालक रे
ललना रे देखू सखी रूप निहारि देखथि मैया अपलक रे

दीनघर बसन के दान कि संगे अन्न द्रव दान रे
ललना रे गोकुल मे नवल विहान बढ़ल नन्द-वंश मान रे

सुनू सुनू माय यशोदा जीबहु पूत तोहर रे
ललना रे पलना’मे डोलथि कन्हैया रचल शिव सोहर रे

Author: Guru Ashish

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