तर्ज:- नी मैं नचना मोहन दे नाल
होली खेलनी ए अज तेरे नाल, वृन्दावन रैंहन वालया
वृन्दावन रैंहन वालया, गोकुल च रैंहन वालया
1 थक गये खेल खेल जग नाल होलीयां
भर भर रंगां दीयां गागरां कई डोलीयां
रंग उतर गया नालो नाल, वृन्दावन रैंहन वालया
- रंग गईयां गोपीयां ते गोप ग्वाले
रंग गये रंगा विच किस्मत वाले
सुके रह गये असी मन्दहाल, वृन्द्रावन रैंहन वालया
३, रंग गुलाल, भावें खेल लड्डू होली
खेल फुल होली भावें खेल लट्ठ होली
भावें खेल तूं मखनां नाल, वृन्दावन रैंहन वालया
- छड्ड मुरली फड़ लै पिचकारी
रंग दे श्यामा अज खलकत सारी
मुख करदे लालो लाल, वृन्दावन रैंहन वालया - वम्ज रहे होलियां दे ढोल नगारे
नच लै ‘मधुए’ तूं वी नच रहे सारे
नच नच अन पौनी ए धमाल, वृन्दावन रैंहन वालया
Author: Unknown Claim credit