जब से पकड़ा हाथ मेरा मैं बड़ी मस्ती में हूं

जब से पकड़ा हाथ मेरा मैं बड़ी मस्ती में हूं,
मैं बड़ी मस्ती में प्यारे मैं बड़ी मस्ती में हूं,
जब से पकड़ा हाथ मेरा……

बेसहारों का सहारा दिनों के तुम नाथ हो,
मेरे सर पर हाथ तेरा मैं बड़ी मस्ती में हूं,
जब से पकड़ा हाथ मेरा……

थक गया था करके श्यामा दुनिया की मैं नौकरी,
जब से बन गया दास तेरा मैं बड़ी मस्ती में हूं,
जब से पकड़ा हाथ मेरा……

दुनिया ने धोखे दिए हैं जब भरोसा है किया,
कर लिया विश्वास तेरा मैं बड़ी मस्ती में हूं,
जब से पकड़ा हाथ मेरा……

( मतलब कि इस दुनिया में कौन किसी का होता है,
धोखा दे देता है वही हमें जिन पर भरोसा होता है,
वह कह कर चले गए इतनी मुलाकात बहुत है,
मैंने कहा कहां जाओगे अभी बात बहुत है,
मेरे आंसू थम जाएं तो शौक से चले जाना,
ऐसे में कहां जाओगे अभी बरसात बहुत है। )

Author: Unknown Claim credit

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