जब से पकड़ा हाथ मेरा मैं बड़ी मस्ती में हूं

जब से पकड़ा हाथ मेरा मैं बड़ी मस्ती में हूं,
मैं बड़ी मस्ती में प्यारे मैं बड़ी मस्ती में हूं,
जब से पकड़ा हाथ मेरा……

बेसहारों का सहारा दिनों के तुम नाथ हो,
मेरे सर पर हाथ तेरा मैं बड़ी मस्ती में हूं,
जब से पकड़ा हाथ मेरा……

थक गया था करके श्यामा दुनिया की मैं नौकरी,
जब से बन गया दास तेरा मैं बड़ी मस्ती में हूं,
जब से पकड़ा हाथ मेरा……

दुनिया ने धोखे दिए हैं जब भरोसा है किया,
कर लिया विश्वास तेरा मैं बड़ी मस्ती में हूं,
जब से पकड़ा हाथ मेरा……

( मतलब कि इस दुनिया में कौन किसी का होता है,
धोखा दे देता है वही हमें जिन पर भरोसा होता है,
वह कह कर चले गए इतनी मुलाकात बहुत है,
मैंने कहा कहां जाओगे अभी बात बहुत है,
मेरे आंसू थम जाएं तो शौक से चले जाना,
ऐसे में कहां जाओगे अभी बरसात बहुत है। )

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

पुत्रदा एकादशी

मंगलवार, 05 अगस्त 2025

पुत्रदा एकादशी
रक्षा बन्धन

शनिवार, 09 अगस्त 2025

रक्षा बन्धन
श्रावण पूर्णिमा

शनिवार, 09 अगस्त 2025

श्रावण पूर्णिमा
कृष्ण जन्माष्टमी

शनिवार, 16 अगस्त 2025

कृष्ण जन्माष्टमी
अजा एकादशी

मंगलवार, 19 अगस्त 2025

अजा एकादशी
हरतालिका तीज

मंगलवार, 26 अगस्त 2025

हरतालिका तीज

संग्रह