जो पै हरिहिं न शस्त्र गहाऊं।

जो पै हरिहिं न शस्त्र गहाऊं।
तौ लाजौं गंगा जननी कौं सांतनु-सुतन कहाऊं॥
स्यंदन खंडि महारथ खंडौं, कपिध्वज सहित डुलाऊं।
इती न करौं सपथ मोहिं हरि की, छत्रिय गतिहिं न पाऊं॥
पांडव-दल सन्मुख ह्वै धाऊं सरिता रुधिर बहाऊं।
सूरदास, रणविजयसखा कौं जियत न पीठि दिखाऊं॥

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

ज्येष्ठ पूर्णिमा

बुधवार, 11 जून 2025

ज्येष्ठ पूर्णिमा
योगिनी एकादशी

शनिवार, 21 जून 2025

योगिनी एकादशी
देवशयनी एकादशी

रविवार, 06 जुलाई 2025

देवशयनी एकादशी
गुरु पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

गुरु पूर्णिमा
आषाढ़ पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

आषाढ़ पूर्णिमा
कामिका एकादशी

सोमवार, 21 जुलाई 2025

कामिका एकादशी

संग्रह