मथुरा से गोकुल में ,-2
इक चोर आया ,कन्हैया ताले तोड़ आया -2
नंद बाबा के घर में आया,वासुदेव देवकी का जाया -2
ऐसे लल्ला को देखते ही,भक्तों का मन हर्षाया ,
कहलाया नंदनंदन ,करते हैं ,सब वंदन ,
ले अवतार आया ,कन्हैया ताले तोड़ आया।
इक चोर आया ,कन्हैया…..
राधे का मीत कन्हाई है ,सुन बंसी दौड़ी आयी है -2
उसने कहा सुन राधे रानी क्यूँ ,अपनी प्रीत भुलाई है ,
पक्का है, वादे से ,मिलने को ,राधे से ,
यमुना से पार आया ,कन्हैया ताले तोड़ आया।
इक चोर आया ,कन्हैया…..
गोकुल मथुरा और वृन्दावन ,इनकी मिट्टी समझो चन्दन-2
इस दास की विनती है ,अब लाज राख लो हे भगवन ,
माथे पे ,मैं लगाने ,किस्मत को,चमकाने ,
तेरे द्वार आया ,कन्हैया ताले तोड़ आया।
इक चोर आया ,कन्हैया….. ।
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