त्रेता के श्री राम चन्द्र जी द्वापर में घण्यशयम,
नारायण अवतारी दोनो। दोनो के रंग श्याम ।
किस अवतारी श्याम को खोजे बोल री प्यारी अंखिया।
राम श्याम है श्याम राम है एक रूप दो अखियां।

कौन श्याम खोजे तू ऐ बावरिया।
ऐ बावरिया, ऐ बावरिया

एक श्याम दसरथ के ललना,
एक बने कृष्ण कन्हैया।

एक श्याम धनु भांजे जनक पुर।
एक बने नाग नथिया ।

एक श्याम लंका पति तारे।
एक बने कंस मड़ैया।

एक श्याम बन में मृग मारे,
एक बने रास रचैया।

कवि दिनेश कहे श्याम सुंदर
दो नैनन विच वसैया।

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