मोहन तेरी प्रीत में जोगन बन गई

श्यामा मेरे प्यारे, मेरे मोहन मेरे प्यारे …….

कृष्णा तेरी ये प्रीत में,
मोहन तेरी ये प्रीत में,
जोगन सी बन गई हूँ मैं,
छोड़ के मोह माया तेरी,
चौखट पे आ गई हूँ मैं,
कृष्णा तेरी ये प्रीत में…..

तेरा नाम जपने से मुझको जन्नत का वो नूर मिले,
नूर की लौ में खुशिया बरसे मन की मुरादें ज़रूर मिले,
तेरे दर से वो ही लौ लेने को आ गई हूँ मैं,
कृष्णा तेरी ये प्रीत में………..

मेरे रोम रोम में तू है बसा, तेरे बिन जीवन है अधूरा,
तेरी रेहमत का साया हैं जहाँ, रोशन हो वहां अँधेरा,
हर जनम तेरा साथ श्यामा पाने को आ गई हूँ मैं,
कृष्णा तेरी ये प्रीत में………….

तेरी अद्भुत लीला है सांवरे शक्ति का अवतार है,
राजा गोहर का जीवन अर्पण चरणों में बारम्बार है,
तुझसे यही वर मांगने फिर से आ गई हूँ मैं,
कृष्णा तेरी ये प्रीत में……..

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