नारी दूरत बयाना रतनारे ॥ध्रु०॥
जानु बंधु बसुमन बिसाल पर सुंदर शाम सीली मुख तारे ।
रहीजु अलक कुटील कुंडलपर मोतन चितवन चिते बिसारे ।
सिथील मोंह धनु गये मदन गुण रहे कोकनद बान बिखारे ।
मुदेही आवत है ये लोचन पलक आतुर उधर तन उधारे ।
सूरदास प्रभु सोई धो कहो आतुर ऐसोको बनिता जासो रति रहनारे ॥

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

कालभैरव जयंती

शुक्रवार, 22 नवम्बर 2024

कालभैरव जयंती
उत्पन्ना एकादशी

मंगलवार, 26 नवम्बर 2024

उत्पन्ना एकादशी
मासिक शिवरात्रि

शुक्रवार, 29 नवम्बर 2024

मासिक शिवरात्रि
गीता जयंती

बुधवार, 11 दिसम्बर 2024

गीता जयंती
मोक्षदा एकादशी

बुधवार, 11 दिसम्बर 2024

मोक्षदा एकादशी
दत्तात्रेय जयंती

शनिवार, 14 दिसम्बर 2024

दत्तात्रेय जयंती

संग्रह