पावन शुभ दिन है आया,आनंद उत्सव घर छाया,
हिवड़े मन मोद समाया, लागे सभी को मनभावना,
प्यारे ठाकुर पधारे मेरे आंगना…
१. स्वागत करांला इनकी पलक बिछाकर के जी.. पलक बिछाकर..
बाट जोई थी जिनकी,आस लगाकरके जी,आस लगाकर
धन हुए भाग्य हमारे, मिट गए दुखड़े सारे,
चमके जीवन के सितारे, बाकी नहीं कुछ कामना…
प्यारे ठाकुर पधारे मेरे आंगना…
२. आंगन में सुंदर सुंदर आसन लगवायाजी हो..आसन लगवाया…
दिल के भावों से इनको खूब सजाया जी हो…खूब सजाया…
बैठे मनमोहन प्यारे,आंखों के बन के तारे,
झूमे नर नारी सारे, मन को करे हैं लुभावना…
प्यारे ठाकुर पधारे मेरे आंगना…
३. सोहनी सूरत इनकी लागे अति प्यारी जी हो …लागे अति प्यारी…
प्रिया प्रियतम की छवि पर जाएं बलिहारी जी हो.. जाएं बलिहारी…
देखूं तो मन हरषावे,नैनन में रूप समावे,
दूजो ना कोई भावे,लागे प्यारे से हमको पावना…
प्यारे ठाकुर पधारे मेरे आंगना…
४. कंचन के दीप जलाकर आरती गाओ जी हो… आरती गाओ…
सेवा में चंवर डुलाकर, भोग लगाओ जी हो…भोग लगाओ..
सर्वेश्वर मंडल गावे, चरणों में बलि बलि जावे,
आनंद का पार न पावे, उत्सव मनावे सुहावना…
प्यारे ठाकुर पधारे मेरे आंगना..
पावन शुभ दिन है आया, आनंद उत्सव घर छाया, हिवडे मन मोद समाया, लागे सभी को मन भावना…
प्यारे ठाकुर पधारे मेरे आंगना..
Author: Unknown Claim credit