![पलनवा गढ़ दे रे बढैईया झुला झुलेगो ललनवा](https://bhaktiras.in/wp-content/uploads/2024/06/krishna1.jpg)
पलनवा गढ़ दे रे बढैईया झुला झुलेगो ललनवा
पलनवा गढ़ दे रे बढैईयाझूला झूलेगौ ललनवा नाजूक नाजुक मेरौ ललनवासुनदर सा गढ़ देवो पलनवाचंदन का लेयो लाकड़वाझूला झूलेगौ ललनवा रेशम का बनायो रसरवाचांदी का लगायो घूंघुरवामखमल लेयो गददनवाझूला झूलेगो ललनवा बाजे ढ़ोल गाये है...