सुनो श्याम प्यारे ये विनती हमारी
सुनो श्याम प्यारे ये विनती हमारी
तरसती है अँखियाँ दरस को तुम्हारे
कोई रूप लेकर अब चले आओ
कोई रूप लेकर अब चले आओ
नही तो निकाल जाएगी जान ये हमारी
सुनो कृष्ण प्यारे ये विनती हमारी
तरसती है अँखियाँ दरस को तुम्हारे
हमे भी सुनाओ वो धुन बांसुरी की
हमे भी लुभाओ जैसे गोपिया लूभी थी
हमे भी सुनाओ वो धुन बांसुरी की
हमे भी लुभाओ जैसे गोपिया लूभी थी
गईया चिरईया सब राह देखे
गईया चिरईया सब राह देखे
कलयुग में कितनी जरूरत तुम्हारी
सुनो कृष्ण प्यारे ये विनती हमारी
तरसती है अँखियाँ दरस को तुम्हारे
फिर से कहीं कोई यशोदा डांट लगाये
फिर से कहीं कोई लल्ला माखन चुराये
फिर से कहीं कोई यशोदा डांट लगाये
फिर से कहीं कोई लल्ला माखन चुराये
हमे तुम सिखा दो रिश्ते निभाना
बदलेगी दुनिया को लीला तुम्हारी
सुनो कृष्ण प्यारे ये विनती हमारी
तरसती है अँखियाँ दरस को तुम्हारे
प्रेम में राधा और राधा की कृष्णा
दूर हुए दो प्रेमी, एक हुए नाम
हां ………….. हां ………………….
प्रेम में राधा और राधा की कृष्णा
दूर हुए दो प्रेमी, एक हुए नाम
फिर ये दुनिया कहती राधे कृष्णा
फिर ये दुनिया कहती राधे कृष्णा
सिखा दो ना हमको ऐसी पवित्रता तुम्हरी
सुनो श्याम प्यारे ये विनती हमारी
तरसती है अँखियाँ दरस को तुम्हारे
कोई रूप लेकर अब चले आओ
कोई रूप लेकर अब चले आओ
नही तो निकाल जाएगी जान ये हमारी
Author: Swati Mishra