कोठे ऊपर कोठड़ी, मैया का भवन सजा दूँगी !
कोठे ऊपर कोठड़ी, मैया का भवन सजा दूँगी !
कोठे ऊपर कोठड़ी, मैया का भवन सजा दूँगी !!
जो मेरी मैया टिका माँगे, बिंदी और लगा दूँगी,
जब मेरी मैया पैहन के निकलै, जयकारा लगा दूंगी !
कोठे ऊपर कोठड़ी, मैया का भवन सजा दूँगी !!
जो मेरी मैया कुंडल माँगे, नथनी भी पैहना दूंगी,
जो मेरी मैया पैहन के निकलै, जयकारा लगा दूंगी !
कोठे ऊपर कोठड़ी, मैया का भवन सजा दूँगी !!
जो मेरी मैया पैंडल माँगे, माला भी पैहना दूंगी,
जो मेरी मैया पैहन के निकलै, जयकारा लगा दूंगी !
कोठे ऊपर कोठड़ी, मैया का भवन सजा दूँगी !!
जो मेरी मैया चूड़ी माँगे, मेहंदी भी लगवा दूंगी,
जो मेरी मैया पैहर के निकलै, जयकारा लगा दूंगी !
कोठे ऊपर कोठड़ी, मैया का भवन सजा दूँगी !!
जो मेरी मैया चोला माँगे, चुनर भी ओढ़ा दूंगी,
जब मेरी मैया ओढ़ के निकले, जयकारा लगा दूंगी !
कोठे ऊपर कोठड़ी, मैया का भवन सजा दूँगी !!
जो मेरी मैया पायल माँगे, बिछुए भी मँगा दूंगी,
जो मेरी मैया पैहर के निकलै, जयकारा लगा दूंगी !
कोठे ऊपर कोठड़ी, मैया का भवन सजा दूँगी !!
जो मेरी हलवा मांगे, पूरी भी बना दूंगी,
जब मेरी मैया भोग लगाए, जयकारा लगा दूंगी !
कोठे ऊपर कोठड़ी, मैया का भवन सजा दूँगी !!
Author: Unknown Claim credit