साणु चरना दी धूड़ बना लै,
रवांगे तेरे कोल दातिए,
दिल करे अज्ज जो भी तेरे नाल माँ,
लवांगे दिल फ़ोल दातिए,
साणु चरना दी धूड़ बना लै…….

साडे नालो चंगे फूल पूजा विच आउंदे ने,
चरणा च लग के ओ फुले ना समाउँदे ने,
कुझ गल विच पैंदे हार बन के,
ओ हुंदे अनमोल दातिए,
साणु चरना दी धूड़ बना लै…….

तेरे मईया चरणा च मौज जेहड़ी लगदी,
मतलबी दुनिया च किते नहियो लबदी,
तेरे सच्चे सूचे दर ते जो आ जावे,
ना जांदा कदे डोल दातिए,
साणु चरना दी धूड़ बना लै…….

भगत दी माये सुन लवी अरदास माँ,
अपने माँ दर दा बना के रखी दास माँ,
करे विनती माँ दोवे हथ जोड़ के,
बच्चा अनभोल दातिए,
साणु चरना दी धूड़ बना लै…….

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