तू किरपा कर मैया, जागरण करवाऊंगा,
तेरी ज्योत जगाऊंगा, भक्तो को बुलाऊंगा…..
सुमित पालम वाले कि, मंडली बुलवाऊंगा,
तेरे भजन कराऊंगा, मैं तुमको मनाऊँगा,
मैया के भजनों से, मैया को मनाऊँगा,
हो,,, तेरी ज्योत जगाऊंगा,, भक्तों को बुलाऊँगा,
तू किरपा कर मैया……
मैं लाल चुनरियां से, श्रृंगार कराऊँगा,
लाल-हरी चूड़ियों, सेट तुमको पहनाऊंगा,
जो कुछ भी बनेगा माँ, तुम्हे दिल से चढ़ाऊंगा,
हो,,, तेरी ज्योत जगाऊंगा,, भक्तों को बुलाऊँगा,
तू किरपा कर मैया……
दरबार खड़ा हूँ आज, माँ तेरी माया है,
मैंने जो कुछ पाया है, सब तुमसे पाया है,
ऐसे ही दया रखना, चरणों में हमे रखना,
हो,,, तेरी ज्योत जगाऊंगा,, भक्तों को बुलाऊँगा,
तू किरपा कर मैया……
Author: Unknown Claim credit