रही बक्श्दा तू किते होए कसूर दातिया

रही बक्श्दा तू किते होए कसूर दातिया,
सहनु चरना तो करी न तू दूर दातिया,

असि कपडे नु चढ़े कच्चे रंग वरगे,
असि कच दी बनाई होइ वांग वरगे,
इको झटके च हो जा गे चूर दातिया,
सहनु चरना तो करी न तू दूर दातिया,

इस तन विच जिहने कोने सास वसदे,
हर सास विच लखा ही गुनाह वसदे,
मनो दूर कर मान ते गरूर दातिया,
सहनु चरना तो करी न तू दूर दातिया,

असि पानी उते खींची हो लकीर वरगे,
किसी झाडी विच फसी होइ लीर वर्गी,
हाक सारे यह मंगल हठूर दतिया,
सहनु चरना तो करी न तू दूर दातिया,

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

ज्येष्ठ पूर्णिमा

बुधवार, 11 जून 2025

ज्येष्ठ पूर्णिमा
योगिनी एकादशी

शनिवार, 21 जून 2025

योगिनी एकादशी
देवशयनी एकादशी

रविवार, 06 जुलाई 2025

देवशयनी एकादशी
गुरु पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

गुरु पूर्णिमा
आषाढ़ पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

आषाढ़ पूर्णिमा
कामिका एकादशी

सोमवार, 21 जुलाई 2025

कामिका एकादशी

संग्रह