आओ दिल ने तुमको पुकारा,
हर पल तुम्हारी याद आती रहे राघव, आती रहे,
तेरी छवि मन को लुभाती रहे,
हर पल तुम्हारी याद आती रहे…..
फूलों और कलियों में तेरी हंसी हो,
बुलबुल के गीतों में तेरी खुशी हो,
वाणी तेरे गुण गाती रहे,
हर पल तुम्हारी याद आती रहे…..
कुछ भी नहीं था सिवा तेरे प्यारे,
जो कुछ भी था सब तेरे हवाले,
नैनो में तेरी छबि समाती रहे,
हर पल तुम्हारी याद आती रहे…..
प्रभु हम भक्तों की चाह यही है,
श्रीराम मिलन की आस जगी है,
( प्रेम में कुछ इस तरह मगरुर हो जाऊंगा मैं,
श्याम तुम बनना समा ताफुर हो जाऊंगा मैं,
मै जो गर चाहूं तो चाहूं तुम न मुझको चाहना,
और तुम जो गर चाहे तो फिर मशहूर हो जाऊंगा मैं।। )
प्रभु हम भक्तो की चाह यही है,
श्रीराम मिलन की आस जगी है,
जीभा ये नाम गुनगुनाती रहे,
हर पल तुम्हारी याद आती रहे राघव आती रहे,
तेरी छबि मन को लुभाती रहे…..
Author: डॉ सजन सोलंकी