तर्ज – जिंदगी प्यार का गीत है

केवट राम का भक्त है,
दोनों चरणों को धोना पड़ेगा,
दोनों चरणों को धोना पड़ेगा,
जल सरयू का गहरा भी है,
पार उसको लगाना पड़ेगा,
केवट राम का भक्त है,
दोनों चरणों को धोना पड़ेगां,
दोनों चरणों को धोना पड़ेगा……

श्रद्धा जितनी भी राम से हो,
उसको सौगात उतना मिलेगा,
भूल जीवन में गलती से हो तो,
राम का नाम लेना पड़ेगा,
केवट राम का भक्त है,
दोनों चरणों को धोना पड़ेगां,
दोनों चरणों को धोना पड़ेगा……

है वनवास जाना तो क्या,
मार्ग जंगल का मुश्किल तो क्या,
साथ भाई का हरदम मिले तो,
माई सीता को लाना पड़ेगा,
केवट राम का भक्त है,
दोनों चरणों को धोना पड़ेगां,
दोनों चरणों को धोना पड़ेगा……

सीता कष्टों को झेले तो है,
सुख दुःख की सहेली भी है,
पिता का वचन भी तो है,
इसे हरपल निभाना पड़ेगा,
केवट राम का भक्त है,
दोनों चरणों को धोना पड़ेगां,
दोनों चरणों को धोना पड़ेगा…..

Author: Unknown Claim credit

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