मुझे कौन जानता था, तेरी बंदगी से पहले ।
मैं बुझा हुआ दिया था, तेरी बंदगी से पहले ॥

मैं तो खाख था जरा सी, मेरी और क्या थी हस्ती,
मैं थपेड़े खा रहा था, तूफ़ान में जैसे कश्ती,
दर दर भटक रहा था, तेरी बंदगी से पहले ॥

मुझे कौन जानता था, तेरी बंदगी से पहले ।
मैं बुझा हुआ दिया था, तेरी बंदगी से पहले ॥

मैं था इस तरह जहां में, जैसे खाली सीप होती,
मेरी बढ़ गई है कीमत, तूने भर दिए है मोती,
मेरा कौन आसरा था, तेरी बंदगी से पहले ॥

मुझे कौन जानता था, तेरी बंदगी से पहले ।
मैं बुझा हुआ दिया था, तेरी बंदगी से पहले ॥

है जहां में मेरे लाखो, पर तेरे जैसा कौन होगा,
जैसा तू बन्दा परवर, भला एसा कौन होगा,
मैं तुझे ही ढूंडता हूँ, तेरी बंदगी से पहले ॥

मुझे कौन जानता था, तेरी बंदगी से पहले ।
मैं बुझा हुआ दिया था, तेरी बंदगी से पहले ॥

तू जो मेहरबान हुआ है, तो जहां भी मेहरबान है,
ये ज़मीन मेहरबान है, आसमान भी मेहरबान है,
ना ये गीत ये बला था, तेरी बंदगी से पहले ॥

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