राम तेरी दुनिया में इंसान कर्म क्यों ऐसा करता है,
भला नहीं करता है किसी का, काम बिगाड़ा करता है…….

अपना पेट भरा हो तो भी हक़ दूजे का मारता है,
केवल अपने हित में सोचे परहित से नहीं वास्ता है,
नाम धर्म का लेता है पर काम अधर्म का करता है,
भला नहीं करता है किसी का, काम बिगाड़ा करता है……

पूजा पाठ का करके दिखावा खुद को ऊँचा जाने है,
प्राणी मात्र से प्रेम है असली पूजा ये नहीं माने है,
खुद से ही पहचान नहीं ईश्वर की साधना करता है,
भला नहीं करता है किसी का, काम बिगाड़ा करता है……

मोह जाल में फंसा है ऐसे संभंधो को भूल गया,
करुणा स्नेह परोपकार के कर्तव्यों को भूल गया,
राम तुम्ही अब तारो इसको ये मझधार उतरता है,
भला नहीं करता है किसी का, काम बिगाड़ा करता है……

धर्म ग्रन्थ प्रवचन कथाएं सच्ची राह दिखाती हैं,
मानव ने क्यों जन्म लिया ये बात हमें समझाती हैं,
ऋषि मुनि अवतारों की बातों को अनसुना करता है,
भला नहीं करता है किसी का, काम बिगाड़ा करता है…….

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