शबरी को इंतजार आपने राम प्यारे का,
मिल गया री संदेशा मेरे सतगुरू प्यारे का…..
मन की आखों से मै दर्शन निसदिन करती हु,
सूरत गगन में गई रात दिन मरती हु,
भजन में देख बिना भईया वो नजारे का,
मिल गया री संदेशा मेरे सतगुरू प्यारे का,
शबरी को इंतजार आपने राम प्यारे का…..
साध संगत सेवा करना गुरु का संदेश है,
चक के सिमरन कर ले बेटा ये मरा आदेश है,
अभी जीवन है सेष है मन समझा ले बंजारे का,
मिल गया री संदेशा मेरे सतगुरू प्यारे का,
शबरी को इंतजार आपने राम प्यारे का,
मिल गया संदेशा मेरे सतगुरू प्यारे का…..
काम क्रोध लोभ मोह पड़ जाता है त्यागना,
ढाई घड़ी का सिमरन कर ले ये सच्ची है भावना,
जागले फेर देख ले डेरा बोहोत किनारे का,
मिल गया री संदेशा मेरे सतगुरू प्यारे का,
शबरी को इंतजार आपने राम प्यारे का,
मिल गया री संदेशा मेरे सतगुरू प्यारे का…..
अर्जुन जैसा ध्यान कर चिड़िया को देख ले,
गुरू उतरन एक लवज का देखा तीर कमान है,
संगत इंतजार करें छतरपुर भंडारे का,
मिल गया री संदेशा मेरे सतगुरू प्यारे का…..
Author: Unknown Claim credit