आज अवध में उत्सव भारी, घी के दीप जलाए हैं ।
छम छम नाचे बजरंगी, श्री राम अयोध्या आए हैं।

  1. दीन-दयाल दया के सागर सबको गले लगाते हैं।
    जिसपर तेरा नाम लिखा वो पत्थर भी तर जाते हैं
    छोड़ के झूठी दुनिया सारी, शरण तुम्हारी आए हैं।
    छम छम नाचे…
  2. कब से शबरी बाट निहारे आज घड़ी वो आई है,
    पाकर सम्मुख अपने राम को मन ही मन हर्षाई है।
    तेरे मिलन के ख़ातिर ही, थोड़े से साँस बचाये हैं।
    छम छम नाचे…
  3. असुवन जल से चरण पखारूँगा मैं मेरे राम के,
    जन्म सफल हो जाए दर्शन पाकर पावन धाम के।
    “पाल” विशाल सजी है झाँकी, फूलों से महकाए हैं।
    छम छम नाचे…

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

योगिनी एकादशी

शनिवार, 21 जून 2025

योगिनी एकादशी
देवशयनी एकादशी

रविवार, 06 जुलाई 2025

देवशयनी एकादशी
गुरु पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

गुरु पूर्णिमा
आषाढ़ पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

आषाढ़ पूर्णिमा
कामिका एकादशी

सोमवार, 21 जुलाई 2025

कामिका एकादशी
पुत्रदा एकादशी

मंगलवार, 05 अगस्त 2025

पुत्रदा एकादशी

संग्रह