धुन :- तेरा मेरा प्यार अमर
पावन दरस सुखद है नाम।
श्रीराम जय राम ,जय जय राम।।
राम ही जीवन का आधार है।
राम ही सब सुखों का सार है।
सतचित आनंद रूप है राम -श्रीराम जय…
राम सब धर्मों के अनुकूल हैं।
भक्ति कर्म ज्ञान का मूल हैं।
राम चरित मर्यादा धाम – श्रीराम जय…
राम से बड़ा है राम का नाम।
अंत समय यही आता है काम।
साँसों की माला पै जपले यह नाम – श्रीराम जय…
श्रीराम भगवान भव-भय हरण।
‘‘मधुप’’ रहो सदा राम शरण।
हिरदे बसाले छटा सियाराम – श्रीराम जय राम।…
Author: सुप्रसिद्ध लेखक एवं संकीर्तनाचार्य श्री केवल कृष्ण ❛मधुप❜ (मधुप हरि जी महाराज) अमृतसर