तेरी मर्ज़ी का में हूँ गुलाम ओ मेरे अलबेले राम,
अलबेले राम मेरे मतवाले श्याम,

जो भी करले हम है तुम पार न्योचछवर
दौलत मेरी तेरा नाम मेरे अलबेले राम
अलबेले राम मेरे मतवाले श्याम

तेरी मर्ज़ी का में हूँ गुलाम ओ मेरे अलबेले राम
तक भी गया हूँ इस लंबे सफ़र मे
मेरा जीना हुआ है हराम मेरे अलबेले राम
तेरी मर्ज़ी का में हूँ गुलाम ओ मेरे अलबेले राम

तेरी रज़ा मे अब करली है राज़ी
हमे दे दो सजाया एनाम मेरे अलबेले राम
तेरी मर्ज़ी का में हूँ गुलाम ओ मेरे अलबेले राम

अलबेले राम मेरे अलबेले राम मेरे
तेरी मर्ज़ी का में हूँ गुलाम ओ मेरे अलबेले राम

Author: हेमलता शास्त्री जी

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