कोई आखे डमरू वाला कोई आखे सप्पा वाला
कोई आखे एह रगड़े लोंदा पीवे भंग दा प्याला
बुड्ढा लाड़ा गौरां नी तेरा बुड्ढा लाड़ा बम बम बम बम ( 2 )

बैल ते चढ़ के आ गया नी तेरा बुड्ढा लाड़ा
ओहदा गज गज लमके दाड़ा नी तेरा बुड्ढा लाड़ा
बैल ते चढ़ के आ गया नी तेरा बुड्ढा लाड़ा…..

जंज वेख़ के भाजड़ पै गई , दुनिया हक्की बक्की रह गई
बम बम बम बम बोल के भोला, बूहे अगे आ गया नी तेरा बुड्ढा लाड़ा
बैल ते चढ़ के आ गया नी तेरा……

भूत चड़ेलां नचदे गौंदे, शुक्र शनिचर भड़थू पोंदे
दो बच्चियां दा टोला गौरां, राशन सारा मुका गया नी तेरा बुड्ढा लाड़ा
बैल ते चढ़ के आ गया नी तेरा………

शिव शंकर दी लीला न्यारी , तीन लोक दा मालक भंडारी
शिव गौरां दे विआह दी महिमा , कम्मा – शैली गा गया नी तेरा बुड्ढा लाड़ा
बैल ते चढ़ के आ गया नी तेरा बुड्ढा लाड़ा……

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