भोलेनाथ मैं आया तेरे चरणों में

अब सब कुछ संभालो भोलेनाथ,
मैं आया तेरे चरणों में,
तेरे द्वार खड़ा हूँ लाचार,
बस जाओ मेरे कण कण में,
अब सब कुछ संभालो भोलेनाथ,
मैं आया तेरे चरणों में…..

जटा में तेरी गंग की धारा,
गले लिपटाए भोले सर्पो की माला,
त्रिनेत्रों से सबको देखे,
सब कहते उसे त्रिनयन वाला,
बस तुझसे लगाऊं भोले आस,
बस जाओ मेरे कण कण में,
अब सब कुछ संभालो भोलेनाथ,
मैं आया तेरे चरणों में……

अमृत का मुझे मोह नहीं है,
तू विष दे मुझे वो भी प्रिय है,
शिव के जैसा इस दुनिया में,
और कोई भी दयालु नहीं है,
मेरे दिल में रमा है तेरा नाम,
मैं आया तेरे चरणों में,
अब सब कुछ संभालो भोलेनाथ,
मैं आया तेरे चरणों में……

अब सब कुछ संभालो भोलेनाथ,
मैं आया तेरे चरणों में,
तेरे द्वार खड़ा हूँ लाचार,
बस जाओ मेरे कण कण में,
अब सबकुछ संभालो भोलेनाथ,
मैं आया तेरे चरणों में…..

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

अपरा एकादशी

शुक्रवार, 23 मई 2025

अपरा एकादशी
शनि जयंती

मंगलवार, 27 मई 2025

शनि जयंती
निर्जला एकादशी

शुक्रवार, 06 जून 2025

निर्जला एकादशी
ज्येष्ठ पूर्णिमा

बुधवार, 11 जून 2025

ज्येष्ठ पूर्णिमा
योगिनी एकादशी

शनिवार, 21 जून 2025

योगिनी एकादशी
देवशयनी एकादशी

रविवार, 06 जुलाई 2025

देवशयनी एकादशी

संग्रह