के सारे हार गये जोर लगाये कर के,
भोले नाथ ने कर दिया काम डमरू भजाये कर के…….

पलक जपते करे करिश्मा ऐसा जादूघर है,
किस्मत के कल पुरजे बदले ऐसा कारीगर है,
काम चाहे जैसा हो ये करता दिखाई कर के,
भोले नाथ ने कर दिया काम डमरू भजाये कर के……..

ऐसा जोगी ऐसा मगारी ऐसा मस्त कलंदर,
अपने ये दरबार लगाये श्मशानों के अंदर,
बदन पे मुर्दे की बसम रमाये कर के,
भोले नाथ ने कर दिया काम डमरू भजाये कर के……

इस के आगे सेठ करे क्या पगड़ी टोपी वाला,
सब पे भारी पड़ जाता है सेठ लंगोटी वाला,
ये नाम कमाया है माल लुटाई कर के,
भोले नाथ ने कर दिया काम डमरू भजाये कर के…..

इसको अगर न दातार कहे तो ये अपमान है इसका,
जितने भी दातार जग में ये भगवन उसका,
छोड़ दियां वनवारी सेठ बनाये कर के,
भोले नाथ ने कर दिया काम डमरू भजाये कर के..

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

विजया एकादशी

सोमवार, 24 फरवरी 2025

विजया एकादशी
महा शिवरात्रि

बुधवार, 26 फरवरी 2025

महा शिवरात्रि
आमलकी एकादशी

सोमवार, 10 मार्च 2025

आमलकी एकादशी
होलिका दहन

गुरूवार, 13 मार्च 2025

होलिका दहन
होली

शुक्रवार, 14 मार्च 2025

होली
फाल्गुन पूर्णिमा

शुक्रवार, 14 मार्च 2025

फाल्गुन पूर्णिमा

संग्रह