गौरा मेरे साथ चौपड़ खेल

आओ गौरी मेरे साथ खेलो बाजी दो दो हाथ
आओ गौरी मेरे साथ खेलो बाजी दो दो हाथ,
चाहे सब ले लो या सब दे दो………..

आओ गौरा मेरे संग चौपड़ खेलो,
आओ गौरा मेरे संग चौपड़ खेलो…….

कैसे खेलूँ उसके साथ ,
जो रहता हो खाली हाथ ,
जो भी खेलना है आज नगद खेलो………

आओ भोला मेरे संग चौपड़ खेलो,
आओ भोला मेरे संग चौपड़ खेलो………..

तुम दे देना चांद शीश का मैं दे दूंगी गहना,
हार गए तो भला बुरा मुझको मत स्वामी कहना……….

गौरा जी ने पासा फेंका,
पड़ा पलट कर छक्का,
चांद हार कर चंद्रकांत तो रह गए हक्का बक्का……..

गौरी ऐसे तो ना अकड़ो,
अबकी बार तो पासा पकड़ो,
जीतो दांव जो इस बार मेरा नंदी ले लो…….

आओ गौरा मेरे संग चौपड़ खेलो,
आओ गौरा मेरे संग चौपड़ खेलो……

दूजी बाजी हारे तो भोले बाबा घबराये,
गंगा और कमंडल दोनो ही आगे सरकाये…………

गौरी की तकदीर तेज़ थी जीती ये भी बाज़ी,
मन ही मन मुस्काए देख कर भोले की नाराजी,
बोली अब क्या बचा झमेला,
क्या है पास तुम्हारे धेला,
खेलो बाबा जी नगद तीजा वार झेलो……..

आओ भोला मेरे संग चौपड़ खेलो,
आओ भोला मेरे संग चौपड़ खेलो……..

डमरू और त्रिशूल भी शंकर एक एक कर हारे,
अपनी हालत देख के खुद ही सहम गए बेचारे………….

नागेश्वर ने नाग गले का एक दावँ में हारा,
गौरा अब तो छोड़ के तुमको कुछ भी नहीं हमारा,
तुम हो मेरा आधा अंग,
आओ खेलो मेरे संग,
चाहे सब ले लो या सब दे दो,
आओ गौर मेरे संग चौपड़ खेलो,
आओ गौरा मेरे संग चौपड़ खेलो…………

Author: Unknown Claim credit

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