पर्वत पे डेरा डाल दिया भोले ने

पर्वत पे डेरा डाल दिया भोले ने,
भोले ने बाबा ने….

भोले के शीश पै‌ जटा विराजे,
गंगा की धारा बहा दई भोले ने,
भोले ने बाबा ने…….

भोले के माथे पर चंदा चमके,
चंदन का तिलक लगा लिया भोले ने,
भोले ने बाबा ने……..

भोले के गले में मुंडो की माला,
बीच काले नाग लहराए दिए भोले ने,
भोले ने बाबा ने……..

भोले के हाथ में डमरू सोहै,
डमरू की धुन पर जग को नचाए दीओ भोले ने,
भोले ने बाबा ने…….

तन भस्मी और मिरग छाला,
जोगी का भेष बना लिया भोले ने,
भोले ने बाबा ने…….

भोले के संग में गोरा सोहै,
नंदी पर बैठ घुमा दई भोले ने,
भोले ने बाबा ने…….

भोले की गोद में गणपति सोहै,
पूजन को दुनिया बुलाए लई भोले ने,
भोले ने बाबा ने……

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

छठ पूजा

मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025

छठ पूजा
कार्तिक पूर्णिमा

बुधवार, 05 नवम्बर 2025

कार्तिक पूर्णिमा
उत्पन्ना एकादशी

शनिवार, 15 नवम्बर 2025

उत्पन्ना एकादशी
मोक्षदा एकादशी

सोमवार, 01 दिसम्बर 2025

मोक्षदा एकादशी
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

गुरूवार, 04 दिसम्बर 2025

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी

संग्रह