दुनियाँ रचने वाले को भगवान कहते हैं,
और संकट हरने वाले को हनुमान कहते हैं।

हो जाते है जिसके अपने पराये,
हनुमान उसको कंठ लगाये।
जब रूठ जाये संसार सारा,
बजरंगबली तब देते सहारा।
अपने भक्तो का बजरंगी मान करते है,
संकट हरने वाले को हनुमान कहते हैं॥
॥ दुनियाँ रचने वाले को भगवान कहते हैं…॥

दुनियाँ में काम कोई ऐसा नहीं है,
हनुमान के जो बस में नहीं है।
जो चीज मांगो, पल में मिलेगी,
झोली ये खाली खुशियों से भरेगी।
सच्चे मन से जो भी इनका ध्यान करते हैं,
संकट हरने वाले को हनुमान कहते हैं॥
॥ दुनियाँ रचने वाले को भगवान कहते हैं…॥

कट जाये संकट इनकी शरण में,
बैठ के देखो बजरंग के चरण में।
लख्खा की बातों को झूठ मत मानो,
फिर ना फंसोगे जीवन मरण में।

और देवता चित्त ना धरही,
हनुमंत से सर्व सुख करही।

इनके सीने में हरदम सिया राम रहते है,
संकट हरने वाले को हनुमान कहते हैं॥

दुनियाँ रचने वाले को भगवान कहते हैं,
और संकट हरने वाले को हनुमान कहते हैं।

संकट कटे मिटे सब पीरा,
जो सुमिरै हनुमत बल बीरा।

Author: Unknown Claim credit

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