हरि भक्तों ने रास रचाया बूटी गोल गोल गोल,
बूटी गोल गोल गोल, अमृत गोल गोल गोल,
हरि भक्तों ने रास रचाया…..

बूटी पी गए हनुमान जिनके हृदय में है राम,
जलाए आए लंका खिड़की खोल खोल खोल,
हरि भक्तों ने रास रचाया…..

बूटी पी गए तुलसीदास जिनको राम मिलन की आस,
सारी रामायण लिख डाली पन्ना जोड़ जोड़ जोड़,
हरि भक्तों ने रास रचाया…..

बूटी पी गई मीरा बाई जिनके गिरधर हुए सहाई,
वह तो गिरधर आ गए नाची घूंघट खोल खोल खोल,
हरि भक्तों ने रास रचाया…..

बूटी पी गई द्रोपति नारी वह तो भरी सभा चिल्लाई,
उसकी आकर लाज बचाई साड़ी जोड़ जोड़ जोड़,
हरि भक्तों ने रास रचाया…..

बूटी पी गए लक्ष्मण भाई जिनके हनुमत हुए सहाई,
द्रोणागिरी से बूटी लाए वह तो खोज खोज खोज,
हरि भक्तों ने रास रचाया…..

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

योगिनी एकादशी

शनिवार, 21 जून 2025

योगिनी एकादशी
देवशयनी एकादशी

रविवार, 06 जुलाई 2025

देवशयनी एकादशी
गुरु पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

गुरु पूर्णिमा
आषाढ़ पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

आषाढ़ पूर्णिमा
कामिका एकादशी

सोमवार, 21 जुलाई 2025

कामिका एकादशी
पुत्रदा एकादशी

मंगलवार, 05 अगस्त 2025

पुत्रदा एकादशी

संग्रह