जम्भेश्वर के दर्शन करने ,चलो सभी नरनार
चलो समराथल चाला
धोरे ऊपर लगा हुआ जहा,जम्भ गुरू का दरबार
चलो समराथल चाला
गुरू जी के चरणो मे,अपनी अरजी लगालो जी
क्यो बेठे हो घर पर,सोया भाग जगा लो जी
जम्भेश्वर की मेहर हुई तो,हो जावे बेङा पार
गुरू जम्भ देव जी का,दुनिया मे बङा नाम है
कटते है संकट सब के,समराथल पावन धाम है
जम्भेश्वर के दर्शन करने,आता है संसार
समराथल पर ,आती है भक्तो की टोलियां
गुरू जम्भेश्वर,भर देते सबकी खाली झोलियां
जिसने आके शीश झुकाया,उसका हुआ उद्धार
कहते सदानन्द,सब की सुणाई वहां पे होती है
बङे ही दयालु है वो,सब की भलाई होती है
जम्भेश्वर की दीन दया से,भर जाते भण्डार
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