श्री दामोदर चालीसा
दोहा:
नमन दामोदर देव को, सदा सहाय जो होय।
भक्तन के संकट हरे, कृपा सदा सुखदाय॥
चालीसा:
जय दामोदर देव अनंता।
भक्तन के तुम हो भगवंता॥
गोकुल के आनंद बढ़ायो,
माखन चोर लीला रचायो॥
यशोदा मैया जब तुम बांधे,
रोम रोम में ब्रह्म बखाने॥
उलूकल संग खिंचत जायो,
स्नेह सुधा रस बहायो॥
गोप सुत संग रास रचायो,
मुरली धुन सब जग मोहायो॥
कालिय नाग पर नृत्य दिखायो,
मधुर लील से जग बहलायो॥
भक्त सुदामा दरश पायो,
चरण कमल में शीश नवायो॥
जो नर श्रद्धा भाव बढ़ावे,
दामोदर गुण नित्य सुनावे॥
भवसागर से पार उतारे,
सदा कृपा की धार बहावे॥
दोहा:
दामोदर की महिमा, अमिट अनंत अपार।
जो नित भजै प्रेम से, भवसागर के पार॥
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