श्री नरसिंह चालीसा
दोहा:
जय जय जय नरसिंह भगवाना।
दीनन के तुम हो रखवाना॥
करहु कृपा ओ नृसिंह महाराज।
नाशहु दुष्ट, करो काज॥
चालीसा:
जय नरसिंह विराट रूपा,
भक्तन के तुम पालन रूपा॥
प्रह्लाद रक्षा कीन्ही आपने,
असुर संघार करहु सपाने॥
हिरण्यकश्यप अति अभिमानी,
भूलि गयो निज प्रभु की वाणी॥
प्रभु के भक्त करे उपहास,
सह न सके तुम अन्याय विलास॥
खंभ फाड़ प्रकटे प्रभु ज्ञानी,
रूप देख भयभीत सयानी॥
सिंह समान रूप डरावन,
नख से फाड़ि असुर संहावन॥
भक्त प्रह्लाद उर आनंद भयो,
शत्रु नाश कर, सुख कंद भयो॥
करहु कृपा नरसिंह महाराज,
सदा सहारा तिहारो काज॥
अवतार तुम्हारो जग माहीं,
संकट हरन भक्त मन चाही॥
जय नरसिंह कृपा निधान,
राखहु शरण, करो कल्याण॥
जो नर पाठ करे मन लाई,
सब दुख भाग, संपति आई॥
सिंह वाहिनी, परम दयाला,
भक्तन पर प्रेम मतवाला॥
दोहा:
नरसिंह दयालु संकट हारी,
रखो शरण, करो सुखकारी॥
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