श्री त्र्यंबकेश्वर चालीसा

श्री त्र्यंबकेश्वर चालीसा

दोहा:
जय जय जय त्र्यंबकेश्वर, हरो सकल संताप।
कृपा करो हे नाथ शिव, मिटे सकल पाप॥

चालीसा:

जय जय त्र्यंबकेश्वर, कृपा करो भगवान।
नाथ कृपा से सब हरे, दुख, दारिद्र्य, अपमान॥

नासिक नगरी महिमा भारी, गंगा जल से शोभा न्यारी।
साक्षात् शिव बसे हैं यहाँ, भक्तन पर कृपा करे वहाँ॥

त्र्यंबक नाम तुम्हारा प्यारा, तिन्हीं लोचन से उद्धारा।
त्रिपुरारी त्रिकाल के ज्ञाता, सकल विश्व के हो विधाता॥

नंदी संग विराजे स्वामी, भक्तन पर करते हितकामी।
रजत शृंग पर ज्योति विराजे, दर्शन मात्र पाप सब भाजे॥

गंगाजल तुम शीश चढ़ावे, जो भी सच्चे मन से ध्यावे।
त्रिशूल, डमरू, कर में सोहे, नागराज गले में शोभे॥

चतुर्दश भुवन के तुम धानी, सब पर करते हो कृपानी।
जो भी भक्त करें अरदास, उनकी हरते सकल त्रास॥

दीनदयाल दुखहारी भोले, गंगा धार शीश में तोले।
पुत्रहीन जो करे निवास, उसको मिले पुत्र का वास॥

जो कोई सच्चे मन गावे, त्र्यंबक कृपा सदा वह पावे।
ध्यान धरें जो अति अनुरागी, भवसागर से तरें विरागी॥

दोहा:
त्र्यंबकेश्वर कृपा करो, हरो सकल संताप।
शरण तुम्हारी जो गहे, मिटे सकल पाप॥

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

देवशयनी एकादशी

रविवार, 06 जुलाई 2025

देवशयनी एकादशी
गुरु पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

गुरु पूर्णिमा
आषाढ़ पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

आषाढ़ पूर्णिमा
कामिका एकादशी

सोमवार, 21 जुलाई 2025

कामिका एकादशी
पुत्रदा एकादशी

मंगलवार, 05 अगस्त 2025

पुत्रदा एकादशी
रक्षा बन्धन

शनिवार, 09 अगस्त 2025

रक्षा बन्धन

संग्रह