तर्ज – यारा ओ यारा मिलना हमारा

अंजनी का लाला ओ बजरंग बाला,
कोई ना तुमसा बलि,
सुमिरन करे जो, ध्यान धरे जो,
करता तू उसकी भली,
है सालासर में, धाम तुम्हारा,
भक्तो का प्यारा तू,राम दुलारा,
शीश झुकाता आ संसार सारा,
अंजनी का लाला ओ बजरंग बाला,
कोई ना तुमसा बलि……

बज रहा जगत में डंका तेरे नाम का,
जानते सब तुझे सेवक श्री राम का,
भक्ति में शक्ति की तुम ही तो पहचान हो,
भक्तो में भक्त तुम बांके हनुमान हो,
विघ्न हरण हो मंगल के दाता,
सुमिर सुमिर नर भव तर जाता,
अंजनी का लाला ओ बजरंग बाला,
कोई ना तुमसा बलि…..

कपट से जब रावण हर ले गया जानकी,
फूंक दी सोने की लंका बेईमान की,
है लखन मूर्छित और बन गई जान की,
तुमने ही रक्षा की तब राम की आन की,
लाये संजीवन तुम हनुमाना,
संकट मोचन सब जग जाना,
अंजनी का लाला ओ बजरँग बाला,
कोई ना तुमसा बलि…….

दिनों के तुम नाथ हो दुष्टो के तुम काल हो,
काटते भक्तो के कष्टो के जंजाल हो,
आ गया जो शरण कर देते निहाल हो,
हो दया सरल पे अब ना कोई टाल हो,
महिमा तेरी बजरंग गाउँ,
तिनका हूँ में तो लक्खा कहाऊ,
अंजनी का लाला ओ बजरँग बाला,
कोई ना तुमसा बलि……

अंजनी का लाला ओ बजरँग बाला,
कोई ना तुमसा बलि,
सुमिरन करे जो ध्यान धरे जो,
करता तू उसकी भली,
है सालासर में, धाम तुम्हारा,
भक्तो का प्यारा तू,राम दुलारा,
शीश झुकाता आ संसार सारा,
अंजनी का लाला ओ बजरंग बाला,
कोई ना तुमसा बलि……

Author: लखबीर सिंह लक्खा

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