जय जय शनि देव् अद्भुत तेरी ही माया

जय जय शनि देव् अद्भुत तेरी ही माया शनि तेरी विशाल है काया,
शनि तीर्थ जगत चोगना कर के मैंने जीवन का सुख पाया,
जय जय शनि देव् अद्भुत तेरी ही माया शनि तेरी विशाल है काया,

जय दीं बंधू सुख सागर हम आये द्वार तिहरे,
हम दूर दीं के मारे है हमे अपनी किरपा से उभारे,
मेरे कर्मो के फल दाता प्रभु तुम हो भगयेविद्याता,
जय जय शनि देव् अद्भुत तेरी ही माया शनि तेरी विशाल है काया,

शनि को तिल तेल चढ़ाओ और चरणों में शीश जुकाओ,
शुभ काले वस्त्र पहन कर देवा की धुनि लगाओ,
शनि देव की किरपा हो जाए तो बेडा पार हो जाता,
जय जय शनि देव् अद्भुत तेरी ही माया

कहती विशाल ये काया के भक्त नहीं गबराये,
शनि रक्षा करेंगे उनकी सब अपना धर्म निभाये,
उस पर शनि देव की किरपा हुई जो सदा सत्ये अपनाता,
जय जय शनि देव् अद्भुत तेरी ही माया

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