करदो करदो माला माल हे श्री शनि रवि के लाल ॥
कलयुग में है शनि बल है अप्रम पार,
कुन सेहन कर सके तुम्हारी तिर्शी नजर की मार,
काटो काटो दुःख जंजाल,
हे श्री शनि रवि के लाल,
करदो करदो माला माल…..
तुम चाहो तो राजा को भी करदो प्रभु भिखारी,
बिक्शुक भी राजा बन जाये हो जो दया तुम्हारी,
तुमने लाखो किये निहाल,हे श्री शनि रवि के लाल,
करदो करदो माला माल…….
जब तुम रोहणी बेदन करते सुखा पद जाता है,
बारहा साल दरबे न अन्पेदा हो पाता है,
धरती जलती बारहा साल,
हे श्री शनि रवि के लाल,
करदो करदो माला माल…….
हे महाराज शनेचर तुमसे बिनती यही हमरी,
द्रिशिती दया की रखना हे भेरव अवतारी,
रखना हमको सदा खुश हाल,
हे श्री शनि रवि के लाल,
करदो करदो माला माल…….
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