आया फिर आज शनिवार है,
ये तो शनिदेव जी का वार है,

तेल और दीपक तो लेके आ जाओ,
तन पे शनि जी के चढ़ा जाओ,
साढ़े साती से देते तार है भगतो का करते बेडा पार है,
आया फिर आज शनिवार है,

सूर्ये पुत्र की अध्भुत शान है प्रभु नो ग्रहो में बलवान है,
वाहन नो रुके त्यारा है होते कयूए पेय सवार है,
आया फिर आज शनिवार है,

क्रोध प्रभु को शिगर आता है,
पूजन से इनके दुःख मिट जाता,
दुष्ट भी जाते इनसे हार है दीना दंड इनका अधिकार है,
आया फिर आज शनिवार है,

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

गीता जयंती

बुधवार, 11 दिसम्बर 2024

गीता जयंती
मोक्षदा एकादशी

बुधवार, 11 दिसम्बर 2024

मोक्षदा एकादशी
दत्तात्रेय जयंती

शनिवार, 14 दिसम्बर 2024

दत्तात्रेय जयंती
अन्नपूर्णा जयन्ती

रविवार, 15 दिसम्बर 2024

अन्नपूर्णा जयन्ती
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

रविवार, 15 दिसम्बर 2024

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
संकष्टी चतुर्थी

बुधवार, 18 दिसम्बर 2024

संकष्टी चतुर्थी

संग्रह