हसँदा मुस्करादां जा तू नाम ध्यांदा जा,
मिल जायेगा दर उसका तू जय कारे लांदा जा,
हसँदा मुस्करादां जा तू नाम ध्यांदा जा……

पर्वत दी चोटी तेे ईक गुफा निराली ऐ,
उस गुफा दे विच बैठी माँ शेरावाली ऐ,
ओ चरणीं लगायेगी तू आप बुलान्दा जा,
हसँदा मुस्करादां जा तू नाम ध्यांदा जा…..

दरबार दे विच जा के तू दुखङे सुना देंवी,
अपना सिर दाती दे चरणां विच झुका देंवी,
ओ पार लगायेगी तू भेंटा गांदा जा,
हसँदा मुस्करादां जा तू नाम ध्यांदा जा……

वरदायनी कल्याणी माँ तेनु तारेगी,
बिगड़ी तकदीर तेरी माँ आप सवांरेगी,
चंचल जय माता दी हर ईक नु बुलांदा जा,
हसँदा मुस्करादां जा तू नाम ध्यांदा जा……

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