ओ मैया महारानी तेरी चाहूँ ज्योत जलानी,
मैया करदे मेहरबानी एक रात की…….

मैंने दिल से तुम्हें पुकारा,
मेरे घर में आम पधारो,
आयी घड़ी सुहानी देखो नवरात्र की ….

मैं निर्धन हूँ ना है मेरे घर में बंदन चौकी,
फिर भी चाहूँ मेरे घर हो धूल तेरे चरणो की,
फेरा लगा दो मेरे अँगना में,
लाल चुनरियाँ घोटे वाली चाहूँ तुम्हें उढ़ानी………..

अबला नारी समझके मैया मुझको भूल ना जाना,
रूखा सूखा दिया जो हमको उसका भोग लगाना,
साथ निभाना अपने भक्तों का,
नवरात्रों में दर्श दिखा जा मुझको शेरावाली….

Author: Unknown Claim credit

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