मेरी क़िस्मत की चाबी तेरे हाथ है,
मेरा खोलो मुक़द्दर तो क्या बात है……

कई जन्मो से भूला भटका हूँ में माँ,
तेरे दर्शन को मैया तरसता हूँ माँ,
मुझे दर्शन दिखा दो तो क्या बात है,
मेरा खोलो मुक़द्दर तो क्या बात है……

तेरे दर पे आके खड़ा हूँ मैया,
तेरे चरणो में अरे को झुकता मैया,
मुझे अपना बनालो तो क्या बात है,
मेरा खोलो मुक़द्दर तो क्या बात है…..

सारे जग से ठुकराया हूँ मैया,
तेरे दर पे ये आके खड़ा हूँ मैया,
मुझे दे दो सहारा तो क्या बात है,
मेरा खोलो मुक़द्दर तो क्या बात है…………

तूने लाखों की बिगड़ी बनाई मैया,
मेरी बारी क्यूँ देर लगाई मैया,
मेरी बिगड़ी बना दो तो क्या बात है,
मेरा खोलो मुक़द्दर तो क्या बात है….

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

वरुथिनी एकादशी

गुरूवार, 24 अप्रैल 2025

वरुथिनी एकादशी
मोहिनी एकादशी

गुरूवार, 08 मई 2025

मोहिनी एकादशी
वैशाखी पूर्णिमा

सोमवार, 12 मई 2025

वैशाखी पूर्णिमा
अपरा एकादशी

शुक्रवार, 23 मई 2025

अपरा एकादशी
शनि जयंती

मंगलवार, 27 मई 2025

शनि जयंती
निर्जला एकादशी

शुक्रवार, 06 जून 2025

निर्जला एकादशी

संग्रह