मेरे सपने में आईं अम्बे मात गजब करामात हो गई,
मेरे ज्ञान के खुले कपाट गजब करामात हो गई,
गजब करामात हो गई, गजब करामात हो गई ,
मेरे सपने में आईं अम्बे मात गजब करामात हो गई……
शेर पे सवार होकर मैय्या मेरी आईं,
मेरी मैय्या आईं मुझे बेटा बुलाईं,
मेरी माता ने२ की मुझसे बात गजब करामात हो गई,
मेरे सपने में आईं अम्बे मात गजब करामात हो गई………..
मेरी एक टेर पे वो दौड़ी चली आईं,
दौड़ी चली आईं मां विलंब न लाईं,
मां ने हरदम दियो मेरो साथ गजब करामात हो गई,
मेरे सपने आईं अम्बे मात गजब करामात हो गई…….
मेरी माता के रूप हैं निराले कोई कुष्मांडा कोई गौरा पुकारे,
नवरातों में किया उनका ध्यान गजब करामात हो गई,
मेरे सपने में आईं अम्बे मात गजब करामात हो गई……
Author: Unknown Claim credit