आज गणराज पधारे है सझ धज के घर में हमारे,
रिद्धि सीधी संग लाये है सुख दे जाये गे सारे,
लाओ कोई लड्डुओं के थाल सजाओ रे,
रंग अभीर गुलाब मँगाओ रे,
झूम के नाचो भजने दो ढोल के संग नगाड़े
आज गणराज पधारे है…
दूर सारे वीगन कलेश कर जाये गे,
काम सारे सफल गणेश कर जायेगे,
शिव की शक्ति दे जायेगे गोरी की आंख के तारे,
आज गणराज पधारे है…
धूल प्यारी चरणों की माथे से लगा ली है,
खो सी जो तकदीर हमने जगा ली है,
देख लो सीधी विनायक ने सिद्ध करदे सारे कारज,
आज गणराज पधारे है…
Author: Unknown Claim credit