आनंद के दाता हैं गजानन

आनंद के दाता हैं गजानन,
आनंद के दाता,
माता तुम्हारी पार्वती,
और पिता हैं महादेव
आनंद के दाता हैं गजानन,
आनंद के दाता….

पान फूल और हार हैं चढ़ते,
लड्डुओं का लगता है भोग गजानन,
आनंद के दाता
आनंद के दाता हैं गजानन,
आनंद के दाता…..

एक तुम्हारे मुख में दन्त है,
भुजा तुम्हारी चार गजानन,
आनंद के दाता
आनंद के दाता हैं गजानन,
आनंद के दाता…..

माथे तुम्हारे तिलक है साजे,
मूसे की है सवारी गजानन,
आनंद के दाता,
आनंद के दाता हैं गजानन,
आनंद के दाता….

अंधे को तुम ज्योति देते,
कोढ़ी को देते काया गजानन,
आनंद के दाता
आनंद के दाता हैं गजानन,
आनंद के दाता….

रिद्धि सिद्धि थारे अंग संग साजे,
सोए भाग जगाए जगाना,
आनंद के दाता,
आनंद के दाता हैं गजानन,
आनंद के दाता……

शुभ और लाभ अंग संग साजे,
सारे विघन हटाओ गजानन,
आनंद के दाता,
आनंद के दाता हैं गजानन,
आनंद के दाता…..

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

अपरा एकादशी

शुक्रवार, 23 मई 2025

अपरा एकादशी
शनि जयंती

मंगलवार, 27 मई 2025

शनि जयंती
निर्जला एकादशी

शुक्रवार, 06 जून 2025

निर्जला एकादशी
ज्येष्ठ पूर्णिमा

बुधवार, 11 जून 2025

ज्येष्ठ पूर्णिमा
योगिनी एकादशी

शनिवार, 21 जून 2025

योगिनी एकादशी
देवशयनी एकादशी

रविवार, 06 जुलाई 2025

देवशयनी एकादशी

संग्रह