चूहा बोला गणराजा से सुनलो बात हमारी रे,
पहले मोरी शादी करादो करियो तब ही सवारी……
तन मन से है स्वामी हमने सेवा करी तुम्हरी,
अपने दास की प्रभु जी तुमने तनिक कदर नही जानी,
हमको स्वामी सब मालुम है दो दो पत्नी तुम्हारी,
पहले मोरी शादी करादो करियो तब ही सवारी……
रिद्धि सिद्धि के गणराजा बन गए हो तुम मालिक,
कछु बरस में झोली भर गई हो गए दो दो बालक,
मोरो भी परिवार बसादो मारे लाल किलकारी,
पहले मोरी शादी करादो करियो तब ही सवारी…….
शुभ और लाभ के संग में स्वामी खेले मेरो लालन,
जैसी आज्ञा हम मानत है वो भी करे जी पालन,
लम्बोदर विधनो के हरेया जाने दुनिया सारी,
पहले मोरी शादी करादो करियो तब ही सवारी…….
गणराजा गौरी के नंदन विनय करे विनाम,
मन चाहा फल दो चूहे को सफल होए सब काम,
सब देवो में प्रथम पूज रहे देवों अधिकारी,
पहले मोरी शादी करादो करियो तब ही सवारी……
Author: Unknown Claim credit