गणेश वन्दना

प्रिथमे गुरां जी को वंदना,
दुतिये आदि गणेश।
तृत्या सिमरां माँ शारदा,
मेरे कारज करो हमेश।।

पीपल पूजन मैं चली, गुरु अपने दे नाल,
पीपल पूजे जे हरि मिले, इक पंथ दो काज।।

गुरु गूंगे गुरु बावरे, गुरां दे रहिये दास,
जे गुरु भेजे नरक नू, रखिये सुरग दी आस।।

आओ जी, आओ जी, आओ जी, आओ जी,
आओ जी रल मना लईये, गौरा दे लाल नू।।
गौरा दे लाल नू…….
आओ जी रल मना लईये, गौरा दे लाल नू।।

जिसने भी पूजे गणपती सिरताज हो गए,
जो भी शरणी आ गया सब काज हो गए।।
चरणा च एह्दे ला लईये अपने ख्याल नू,
आओ जी रल मना लईये…….

किधरे भी ना मिसाल ए एहदी मिसाल दी,
रहमत जिथे भी हो गई शिव जी दे लाल दी।।
कट्टे कलेश तोड़ देवे माया दे जाल नू,
आओ जी रल मना लईये…….

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

छठ पूजा

मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025

छठ पूजा
कार्तिक पूर्णिमा

बुधवार, 05 नवम्बर 2025

कार्तिक पूर्णिमा
उत्पन्ना एकादशी

शनिवार, 15 नवम्बर 2025

उत्पन्ना एकादशी
मोक्षदा एकादशी

सोमवार, 01 दिसम्बर 2025

मोक्षदा एकादशी
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

गुरूवार, 04 दिसम्बर 2025

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी

संग्रह