गणपति जी का ध्यान धरना चाहिए
तभी ही कोई शुभ काम करना चाहिए,

पिता है जिनके भोले शंकर माता जिनकी पारवती
रिधि सीधी के दाता है ये भुधि देते है सुमिति
पेहले इनका नाम जपना चाहिए
तभी ही कोई शुभ काम करना चाहिए,

केसर तिलक लगा कर माथे मोदक भोग लगाये गे
श्रधा सुमन करके अर्पित चरनन शीश निभाये गे
इनका भजन सुबहो शाम होना चाहिए
तभी ही कोई शुभ काम करना चाहिए,

अष्ट विनायक मंगल कारी सारे दुःख हर लेंगे ये
सचे मन से इन्हें मना लो मन चाहा फल देंगे ये
मन से सदा गुणगान करना चाहिए
तभी ही कोई शुभ काम करना चाहिए,

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